कितने परसेंट यूजर ब्लॉग को पढ़ते हैं या कितने परसेंट यूजर वीडियो को देखते हैं

 डिजिटल दुनिया में कंटेंट की खपत:- 


आज का युग सूचना का युग है, और यह सूचना हमारे सामने टेक्स्ट, वीडियो, चित्र और ध्वनि के रूप में आती है। इंटरनेट ने हमें इतने सारे विकल्प दिए हैं कि हम हर दिन नई-नई जानकारी से रूबरू होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस विशाल डिजिटल समुद्र में लोग वास्तव में कितना कुछ पढ़ते हैं या देखते हैं? क्या यूजर्स लंबे लेखों को पूरा पढ़ते हैं, या वे छोटे-छोटे वीडियो में ज्यादा रुचि लेते हैं? आइए, इस लेख में हम इस बात का विश्लेषण करें कि टेक्स्ट और वीडियो कंटेंट के प्रति यूजर्स का व्यवहार कैसा है और इसके पीछे क्या कारण हैं।

टेक्स्ट कंटेंट:- 

टेक्स्ट कंटेंट, जैसे समाचार लेख, ब्लॉग, या सोशल मीडिया पोस्ट, लंबे समय से जानकारी का आधार रहा है। लेकिन डिजिटल युग में यूजर्स का ध्यान तेजी से बंट रहा है। शोध बताते हैं कि औसतन सिर्फ 40% यूजर्स ही किसी टेक्स्ट ब्लॉग को पूरी तरह पढ़ते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि बाकी लोग कंटेंट को नजरअंदाज करते हैं। दरअसल, ज्यादातर लोग शीर्षक, मुख्य बिंदु, या बोल्ड टेक्स्ट पर नजर डालते हैं और जरूरत पड़ने पर ही पूरा पढ़ते हैं।  

इसके पीछे कई कारण हैं। पहला, समय की कमी लोगों के पास हर लेख को विस्तार से पढ़ने का वक्त नहीं होता। दूसरा, सूचना की अधिकता हर दिन इतना कंटेंट सामने आता है कि यूजर्स चुनिंदा चीजों पर ही ध्यान देते हैं। तीसरा, प्रस्तुति का प्रभाव अगर टेक्स्ट में विजुअल्स, छोटे पैराग्राफ, या आकर्षक शैली न हो, तो लोग जल्दी ऊब जाते हैं। उदाहरण के लिए, एक छोटी सी न्यूज हेडलाइन को लोग पूरा पढ़ सकते हैं, लेकिन लंबा विश्लेषण शायद ही कोई पूरा देखे।

वीडियो कंटेंट:- 

पिछले कुछ सालों में वीडियो कंटेंट ने डिजिटल दुनिया में तहलका मचा दिया है। यूट्यूब, और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इसे और बढ़ावा दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 80-90% यूजर्स किसी वीडियो का कम से कम कुछ हिस्सा देखते हैं, खासकर अगर वह छोटा और शुरूआत में रोचक हो। लेकिन पूरी वीडियो देखने की बात अलग है 50-70% यूजर्स ही औसतन इसे पूरा देखते हैं। यह दर वीडियो की लंबाई और क्वालिटी पर निर्भर करती है।  

टेक्स्ट और वीडियो मेंअंतर:- 

टेक्स्ट और वीडियो में यूजर्स का रुझान अलग-अलग क्यों है? टेक्स्ट को समझने के लिए एकाग्रता और समय चाहिए, जबकि वीडियो को आप आराम से, बिना ज्यादा मेहनत के देख सकते हैं। मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी, इंसान का दिमाग चित्रों और ध्वनियों को तेजी से प्रोसेस करता है। यही कारण है कि वीडियो आज टेक्स्ट से ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है।  

हालांकि, दोनों के अपने फायदे हैं। टेक्स्ट जटिल विचारों, आंकड़ों, और गहरी जानकारी के लिए बेहतर है। दूसरी ओर, वीडियो त्वरित संदेश, मनोरंजन, और भावनात्मक जुड़ाव के लिए उपयुक्त है। सोशल मीडिया पर आपने देखा होगा कि छोटी पोस्ट के साथ वीडियो का कॉम्बिनेशन कितना प्रभावी होता है।

क्रिएटर्स के लिए सुझाव:-

यह आंकड़े कंटेंट बनाने वालों के लिए महत्वपूर्ण संदेश देते हैं। अगर आप चाहते हैं कि यूजर्स आपका टेक्स्ट पढ़ें, तो उसे संक्षिप्त, आकर्षक और बुलेट पॉइंट्स के साथ बनाएं। वीडियो के लिए, शुरूआत को इतना रोचक बनाएं कि लोग रुक जाएं। डिजिटल दुनिया में यूजर्स का ध्यान पाना आसान नहीं है, और इसके लिए कंटेंट को उनकी जरूरतों के हिसाब से ढालना होगा।

डिजिटल कंटेंट की खपत का पैटर्न साफ है टेक्स्ट को पूरा पढ़ने वाले लगभग 40% हैं, जबकि वीडियो का कुछ हिस्सा 80-90% और पूरा 50-60% लोग देखते हैं। यह अंतर बताता है कि आज का यूजर सुविधा और त्वरित प्रभाव चाहता है। भविष्य में शायद टेक्स्ट और वीडियो का मिश्रण जैसे एनिमेटेड इन्फोग्राफिक्स सबसे लोकप्रिय हो।


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