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Gaganyan 2026:-
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान, अब बस एक कदम दूर है। 2026 में लॉन्च की तैयारी के साथ, ISRO इसे हकीकत बनाने में जुटा है। चंद्रयान और मंगलयान के बाद यह मिशन भारत को अंतरिक्ष की बड़ी ताकतों अमेरिका, रूस और चीन के क्लब में शामिल करेगा। लेकिन यह सिर्फ उड़ान नहीं, बल्कि एक कहानी है—व्योममित्र के टेस्ट से लेकर चार गगनयात्रियों तक।
Vyommitr रोबोट जो रास्ता बनाएगा:-
In the run up to the first Human Space Mission by India at @isro ... 'Vyommitra', the humanoid for #Gaganyaan unveiled. This prototype of humanoid will go as trial before Gaganyaan goes with Astronauts. #ISRO pic.twitter.com/pnzklgSfqu
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) January 22, 2020
गगनयान से पहले 2025 में एक अनक्रूड मिशन होगा, जिसमें एक ह्यूमनॉइड रोबोट है व्योममित्र । यह अंतरिक्ष में जाकर सिस्टम चेक करेगा, ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर करेगा और इंसानों के लिए रास्ता तैयार करेगा। मार्च 2025 तक इसके टेस्ट की तैयारियाँ चर्चा में हैं। यह न सिर्फ टेक्नोलॉजी का कमाल है, बल्कि भारत का स्मार्ट मूव भी पहले रोबोट, फिर इंसान। क्या आपने सोचा कि एक रोबोट भारत का अंतरिक्ष गाइड बनेगा।
गगनयात्री:-
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मिशन के हीरो हैं चार गगनयात्री प्रशांत नायर, अजीत कृष्णन, अंगद प्रताप और शुभांशु शुक्ला। ये वायुसेना के फाइटर पायलट हैं, जिन्हें रूस में ट्रेनिंग मिली और अब बेंगलुरु में फाइनल तैयारी चल रही है। 400 किलोमीटर ऊपर, पृथ्वी की कक्षा में तीन दिन तक रहना, वो भी 20000 करोड़ के इस मिशन के साथ ये कोई छोटी बात नहीं। ये भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बनने वाले हैं ,जो की भारत के ही यान से अंतरिक्ष में जाने वाले है ।
टेक्नोलॉजी का तड़का गगनयान:-
ISRO का LVM-3 रॉकेट गगनयान को अंतरिक्ष में ले जाएगा। क्रू मॉड्यूल, स्पेससूट, क्रू एस्केप सिस्टम हर चीज़ को बार-बार टेस्ट किया जा रहा है। मार्च 2025 में इसके कुछ ट्रायल्स की खबरें आ सकती हैं, जो इसे और हाइप देगा। 7 टन वजनी यह यान सिर्फ मशीन नहीं, बल्कि भारत की महत्वाकांक्षा का प्रतीक है।
खास मिशन:-
चौथा देश: भारत मानव अंतरिक्ष मिशन वाला चौथा देश बनेगा।
स्वदेशी ताकत: 90% तक गगनयान का सामान मेड इन इंडिया है।
भविष्य का रास्ता: 2035 में स्पेस स्टेशन और 2040 में चंद्रमा पर भारतीय—यह सब गगनयान से शुरू होगा।
भारत का अंतरिक्ष सपना:-
गगनयान सिर्फ एक मिशन नहीं, भारत के युवाओं और वैज्ञानिकों का जुनून है। 2026 में जब यह उड़ेगा, तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा होगा। तो क्या आप तैयार हैं इस अंतरिक्ष यात्रा का हिस्सा बनने के लिए।